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आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता व्यक्त की

Toshi Shah
Toshi Shah Jul 19 2022 - 2 min read
आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता व्यक्त की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में क्रिप्टोकरेंसी पर बात करते हुए कहा की आरबीआई क्रिप्टो को लेकर काफी चिंता में है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में क्रिप्टो पर बात करते हुए कहा कि आरबीआई क्रिप्टो को लेकर चिंता मे है। भारत की मौजूदा वित्तीय प्रणालियों में क्रिप्टोकरेंसी की भागीदारी से देश की मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव पड़ सकता है। आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित कर देना चाहिए।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर आरबीआई ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी एक मुद्रा नहीं है क्योंकि हर आधुनिक मुद्रा को केंद्रीय बैंक या सरकार द्वारा जारी करने की जरूरत होती है।

लोकसभा में सीतारमण ने कहा कि अगर इस तरह के प्रतिबंध को लागू करना है तो भारत सरकार को एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है। वहीं भारत क्रिप्टो क्षेत्र में अभी भी कुछ नियमों पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों की प्रतीक्षा कर रहा है। लोकसभा में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले में अपनी बात रखते हुए कहा क्रिप्टोकरेंसी, परिभाषा के अनुसार  वह सीमाहीन हैं और नियामक मध्यस्थता को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।

सीतारमण ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, प्रतिबंध के लिए कोई भी कानून सामान्य वर्गीकरण और मानकों के विकास पर महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सहयोग होने के बाद ही प्रभावी हो सकता है।वहीं हाल ही में यूके अपने नागरिकों के लिए क्रिप्टो कानूनों के प्रकार पर अपनी राय और सुझाव प्रस्तुत करने के लिए एक चैनल को शुरू किया है जिससे लोग देख कर समझ सकें। भारत सरकार द्वारा क्रिप्टो को लेकर अभी तक ऐसा कोई प्रावधान पेश नहीं किया गया है।

क्रिप्टो के नियम संसद के मानसून या शीतकालीन सत्र में आ सकते है। इस बीच, भारत वैश्विक देशों द्वारा तैयार किए जा रहे क्रिप्टो कानूनों को भी देख रहा है।आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने मार्च 2022 में वैश्विक कर संस्थानों को एक दूसरे के साथ क्रिप्टो-संबंधित डाटा साझा करने के तरीके पर निर्देश देने वाले नियमों का मसौदा तैयार किया है। इस नियामक ढांचे का उद्देश्य क्रिप्टोकरेंसी को अंतरराष्ट्रीय कर रिपोर्टिंग नेटवर्क के साथ जोड़ना था।वहीं एक औपचारिक दस्तावेज जिसे क्रिप्टो-एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क कहा जाता है। इसमे (सीएआरएफ)अंतरराष्ट्रीय नीति-निर्माण संगठन द्वारा अपने प्रस्तावों को रेखांकित करते हुए प्रकाशित किया गया है।

वास्तव में, इसी महीने, भारत सहित 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह के सांसदों, ट्रेजरी अधिकारियों और केंद्रीय बैंकरों के सदस्यों द्वारा गठित वित्तीय स्थिरता बोर्ड ने कहा कि वह इस साल अक्टूबर तक भारत में क्रिप्टोकरेंसी के नियम बन सकते है।इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने चार साल पुराने क्रिप्टो एडवोकेसी ग्रुप को बंद करने का फैसला किया है। ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) ने परिषद के चार साल के पोषण के बाद  महसूस किया कि उसे अपना समय और संसाधन अन्य उभरते तकनीकी क्षेत्रों में समर्पित करना चाहिए जो भारत की डिजिटल यात्रा को और अधिक तेज़ बनाता हैं।

 

 

 

 

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