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ईवी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत को बैटरी सेल निर्माण में तेजी लाने की जरूरत

Vikrant
Vikrant Nov 02 2022 - 2 min read
ईवी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत को बैटरी सेल निर्माण में तेजी लाने की जरूरत
सॉलिड-स्टेट बैटरी आंतरिक रूप से सुरक्षित हैं क्योंकि यह नॉन-फ्लैमबल होता है, और इस क्षेत्र में बहुत शोध किया जा रहा है। इस दशक में लिथियम बैटरी और प्रगति होगी, जिससे निवेशक इसे अपनाने की ओर अग्रसर होगें।

भारतीय कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के कॉम्पोनेंट्स की मांग को पूरा करने के लिए बैटरी सेल निर्माण संचालन करने के लिए अवसरों की तलाश कर रही हैं। भारत सरकार घरेलू लिथियम-आयन सेल निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है, जो नीति आयोग द्वारा संचालित की जाती है। ईवी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए घरेलू स्तर पर लिथियम-आयन बैटरी का निर्माण करना होगा। सरकार ने बैटरी और ईवी कॉम्पोनेंट्स के लिए निर्माण कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने के लिए 2019 में ट्रांसफॉर्मेटिव मोबिलिटी पर राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य पूरे भारत में अत्याधुनिक बैटरी निर्माण यूनिट के जटिल ढांचे की स्थापना में सहायता करना है। अगले दशक तक के लिए नीति आयोग ने 500 करोड़ डॉलर की अनुमानित लागत के साथ, 50 गीगावाट आवर के करीब क्षमता वाले मेगा कारखाने स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। इससे विदेशी आयात पर भारत की निर्भरता कम होने की उम्मीद है और इस प्रकार स्वदेशी निर्मित बैटरियों की आपूर्ति को बढ़ावा मिलेगा।

नीति आयोग के मुताबिक भारत चीन से बहुत कुछ सीख सकता है, जिसने पिछले 10 वर्षों में ईवी बैटरी स्पेस में तेजी से विस्तार किया है, ई-मोबिलिटी में प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने के लिए आपूर्ति श्रृंखला के प्रत्येक भाग हासिल कर लिया है। भारत के उत्तरी पड़ोसी देश से सबक लेते हुए, कच्चे माल की बेहतर पहुंच कई तरीकों से प्रदान कर सकता है, जिसमें कच्चे माल पर आयात शुल्क में कमी, कच्चे माल के प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और भारतीय कंपनियों को अधिग्रहण के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है।

सेल मैन्युफैक्चरिंग आंफ इडिया के रिपोर्ट के अनुसार सरकार की व्यापक नीतियां,जिसमें प्राकृतिक संसाधनों लेकर बैटरियों के रीसाइक्लिंग तक शामिल होगी।कच्चे माल की रिफाइनिंग और सेल निर्माण क्षमताओं में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने लोन सब्सिडी और देशों में विशेष आर्थिक लिथियम पार्कों के विकास पीएलआई योजनाओं को जारी किया है।  

इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के साथ स्वच्छ ऊर्जा संसाधनों की ओर बढ़ते बदलाव से आने वाले वर्ष में लिथियम-आयन बैटरी बाजार में वृद्धि होगी। जेएमके रिसर्च और इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) द्वारा किए गए एक विश्लेषण में अनुमान लगाया गया है कि भारतीय लिथियम बैटरी बाजार वित्त वर्ष 2021 में 2.3 गीगावॉट से बढ़कर वित्त वर्ष 2030 में 104 गीगावॉट हो जाएगा, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) का 90 प्रतिशत हिस्सा होगा। भारत सरकार ने 2030 तक 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक कार बिक्री लक्ष्य निर्धारित किया है।

(लेखक- ईवीआई टेक्नोलॉजीज के सीईओ विक्रांत)

 

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