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कम संसाधन होने पर भी अधिक उत्पादक्ता देती है महिला फ्रैंचाइज़र, जानें कारण

Shahram Warsi
Shahram Warsi Feb 09 2019 - 2 min read
कम संसाधन होने पर भी अधिक उत्पादक्ता देती है महिला फ्रैंचाइज़र, जानें कारण
यूरोमॉनिटर के अनुसार, महिला फ्रैंचाइज़रों को पुरूषों की तुलना में अपने फ्रैंचाइज़िंग करियर को शुरू करने में केवल आधे पैसे की आवश्यकता होती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाएं वर्षों से चली आ रही अपेक्षाओं और जिम्मेदारियों से घिरी रहती है इसलिए महिला उद्यमी पुरूषों की तुलना में ज्यादा उत्पादक होती हैं। संख्या के बारे में बात करें तो शोधकर्ता मानते हैं कि महिलाएं पुरूषों की तुलना में ज्यादा महत्वकांक्षी होती हैं। कुल महिला उद्यमियों में से 50 प्रतिशत तक यदि अपने पहले उद्यम में सफलता का स्वाद चख लें तो उसके तीन साल भीतर ही वे अपना व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक होती हैं।

स्थापित होने में लगने वाला समय

रिसर्च ऐसा मानती है कि महिलाएं जिनकी उम्र 26 से 46 साल के बीच है, उनकी ज्यादातर फ्रैंचाइज़ इंडस्ट्री में आने की संभावनाएं अधिक होती हैं। जबकि पुरूष अपने पूरे कार्य काल में लगातार इसका प्रयास करते रहते हैं। संभवतः यह उम्र का ट्रेंड इसलिए शुरू हुआ क्योंकि बहुत सी महिलाओं ने अपने परिवार की देखभाल के लिए अपनी मौजूदा नौकरी छोड़ दी। महिला उद्यमियों को अपने व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जीवन के बीच संतुलन बनाने का विशेषज्ञ माना जाता है। मध्यम उम्र की महिलाएं, जो अपने परिवार को बनाने के लिए योजना बना रही है वे अक्सर अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों जैसे बच्चों को बढ़ा करना और बुजुर्गो का ध्यान रखने के लिए नौकरी छोड़ देती हैं। ऐसी महिलाएं अपने जीवन को संतुलित करने के लिए किसी व्यवसाय से जुड़ने को ज्यादा आरामदायक मानती हैं। इसलिए वे फ्रैंचाइज़िंग की दुनिया का हिस्सा बन रही हैं।

मल्टी टास्किंग के गुण

महिलाओं को समय संतुलन का विशेषज्ञ माना जाता है और ये उन्हें बहुत ही प्रभावी परिणाम देते हैं। महिलाएं बिना परेशान हुए ही अपने घर के काम और व्यवसाय दोनों के बीच संतुलन बना लेती हैं क्योंकि उनके पास मल्टी टास्किंग की विशेषताएं होती हैं। हाल के आंकड़े इस बात की सूचना देते हैं कि महिलाएं पुरूषों की तुलना में ज्यादा काम कर सकती हैं जो महिला फ्रैंचाइज़रों पर बहुत अधिक दबाव बना सकता है। फिर भी ज्यादातर महिलाएं इस चुनौती को स्वीकार करती हैं, अपने आपको तैयार करती है और चीजों को नियंत्रित कर लेती हैं।

महिलाएं होती है ज्यादा ईमानदार

महिलाएं कुछ छिपा कर कार्य नहीं करती है वे अपने डर और उद्यमी के तौर पर आने वाली चुनौतीयों के बारे में खुलकर बात करती हैं। वे अपने हार के डर को बांटने से घबराती नहीं हैं क्योंकि व्यवसाय के सफल या असफल होने से जुड़े उनके अभिमान पुरूषों की तुलना में कम होते हैं।संक्षेप में, वे स्थिति के प्रति ज्यादा खुले विचारों वाली और ईमानदार होती हैं जिससे चीजें दूसरों के लिए आसान हो जाती हैं। महिलाएं इस तरह की चुनौतियों का सामाना पहले से ज्यादा कर रही हैं लेकिन वे लगातार हमे आश्चर्य में डालकर प्रेरित करती हैं। ये कम समय और कम पैसों के साथ-साथ कम संसाधनों में भी सफलतापूर्वक अपने व्यवसाय को बढ़ा रही हैं।

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