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तकनीक के प्रयोग से बन रहे नित नए स्टार्टअप व यूनिकॉर्न्स: राजीव चंद्रशेखर

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Dec 04 2023 - 3 min read
तकनीक के प्रयोग से बन रहे नित नए स्टार्टअप व यूनिकॉर्न्स: राजीव चंद्रशेखर
प्रौद्योगिकी के साथ आगे कैसे बढ़ना है और स्वयं के साथ ही दूसरों को भी रोजगार मुहैया कराने की क्षमता युवा भारतीयों में अकूत है। वह दिन-ब-दिन आने वाले नई-नई टेक्नॉलीज से जुड़कर स्वयं के साथ ही दूसरों को भी रोजगार मुहैया करवा रहे हैं।

पांच वर्षों में 1.2 लाख स्टार्टअप और 108 यूनिकॉर्न्स का हुआ है उदय

कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) 2.0 लॉन्च करने के लक्ष्य पर भी हुई चर्चा

प्रौद्योगिकी की बात हो और स्टार्टअप में उनके प्रयोग की बात न हो, यह बिल्कुल बेमानी है। हमारे देश का युवा दिन-ब-दिन आने वाली नई तकनीकों से न केवल खुद लाभान्वित होता है बल्कि देश के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान निभा रहा है। यही परिणाम है कि वर्तमान में 108 यूनिकॉर्न्स का उदय हो चुका है और पांच वर्षों का लेखा-जोखा देखें तो 1.2 लाख स्टार्टअप भी खड़े हुए हैं। यह बात केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता व इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कही। केरल के कोझीकोड में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आज का युवा स्टार्टअप के लिए न केवल नए अवसर पैदा कर रहा है बल्कि प्रौद्योगिकी का भी लाभ उठा रहा है।

चंद्रशेखर का कहना था कि बतौर मंत्री मुझे देश भर में यात्रा करने, छात्रों से जुड़ने और उनकी चिंताओं पर चर्चा करने का अवसर मिला है। एक निर्विवाद सत्य जो मैंने पाया है वह यह है कि इस पीढ़ी के युवा भारतीय स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे भाग्यशाली हैं। स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी भी पिछली पीढ़ी के विपरीत, उनके पास विकास और सफलता के अभूतपूर्व अवसर हैं। पुरानी पीढ़ी के पास ये विकल्प नहीं थे। स्नातक स्तर की पढ़ाई पर वे केवल दो या तीन विकल्पों तक ही सीमित थे। पिछले दशक में अवसरों के लोकतंत्रीकरण की बात पर उन्होंने कहा कि आज, कालीकट, वाइजैग, बेंगलुरु, कोहिमा, सूरत या कश्मीर जैसे शहरों के युवा भारतीयों के पास जबरदस्त अवसर हैं। अकेले पिछले पांच वर्षों में, हमने 1.2 लाख स्टार्टअप और 108 यूनिकॉर्न का उदय देखा है। सफल होने के लिए गॉडफादर या प्रसिद्ध उपनाम की जरूरत नहीं है। नए भारत ने अवसरों का लोकतंत्रीकरण किया है, सफलता के लिए एक सक्षम वातावरण का निर्माण किया है। चाहे सेमीकंडक्टर्स, वेब, इलेक्ट्रॉनिक्स, एचपीसी, या कोई भी तकनीक से संबंधित क्षेत्र हो, भारतीय सभी तकनीकी चीजों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं, और युवा भारतीय इन अवसरों में सबसे आगे हैं।

सीए छात्रों को डिजिटल कौशल अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से तेजी से डिजिटलीकरण, डिजिटल प्रौद्योगिकियों और अभूतपूर्व इलेक्ट्रॉनिकीकरण की कोविड के बाद की दुनिया में डिग्री और ज्ञान के साथ-साथ कौशल के महत्व पर जोर दिया है। मैं सभी इच्छुक सीए से डिजिटल कौशल प्राप्त करने का आग्रह करता हूं। मौजूदा अकाउंटेंसी ज्ञान के साथ इन कौशलों का संयोजन आपको अजेय बना देगा। भारत एक अजेय देश है। आज प्रत्येक सीए में न केवल अपनी सफलता, बल्कि अपने पेशे और समग्र भारतीय अर्थव्यवस्था की सफलता के लिए उत्प्रेरक बनने की क्षमता है।

इस मौके पर कोझिकोड सीएससी वीएलई वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राजीव चंद्रशेखर ने पीएम विश्वकर्मा योजना द्वारा निर्धारित उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) 2.0 लॉन्च करने के लक्ष्य के बारे में भी वार्ता की। उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना उन कारीगरों के लिए एक अभूतपूर्व योजना है, जिन्हें दशकों से नजरअंदाज किया गया है। इससे अकुशल कारीगरों को प्रमाणित किया जाएगा और इन कारीगरों को योजनाओं से जोड़ने में सीएससी का अत्यधिक महत्व है। हालांकि सीएससी देशभर में सफल रहे हैं, लेकिन केरल में उन्हें कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ा है, जिन्हें हम हल करने के इच्छुक हैं। हम इस पहल का और विस्तार, आधुनिकीकरण और दायरा बढ़ाएंगे। इस मौके पर चंद्रशेखर ने राज्य के प्रमुख नागरिकों के साथ भी बातचीत की, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री के विकासित भारत के दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला।

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