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नागालैंड को योजनाओं के तहत मिलेगा लोन

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Aug 24 2022 - 3 min read
नागालैंड को योजनाओं के तहत मिलेगा लोन
निर्मला सीतारमण ने 11 प्रमुख योजनाओं के तहत 205 करोड़ रुपये के लोन 3,422 लाभार्थियों को दिए। उनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और महिला उद्यमियों के लिए स्टैंडअप इंडिया योजना और नाबार्ड की योजना शामिल हैं।

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3,000 से अधिक लाभार्थियों को 205 करोड़ रुपये का लोन दिया। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री सूक्ष्म वित्त योजना का शुभारंभ भी किया।

नागालैंड के तीन दिन के दौरे पर आईं सीतारमण बैंकर सम्मेलन और लोन वितरण कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने 11 प्रमुख योजनाओं के तहत 205 करोड़ रुपये के लोन 3,422 लाभार्थियों को दिए। उनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और महिला उद्यमियों के लिए स्टैंडअप इंडिया योजना और नाबार्ड की योजना शामिल हैं।इन योजनाओं के तहत कुल 3,837 लोगों को 223 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाना है। उन्होंने निजी बैंक की एक शाखा का भी उद्घाटन किया। इसके अलावा मोकोकचुंग जिले के ग्रामीण लोगों के लिए एक मोबाइल एटीएम वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया।

सीतारमण ने नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो से वास्तविक लाभार्थियों की पहचान के लिए राज्य मशीनरी का उपयोग करने का अनुरोध किया। रियो ने एक ट्वीट में कहा मुझे बहुत खुशी है कि लोन वितरण के जरिये बैंक विभिन्न योजनाओं और रिटेल लोन के तहत नागालैंड के लोगों को 223 करोड़ रुपये का लोन देंगे।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा मैं मुख्यमंत्री सूक्ष्म वित्त पहल के शुभारंभ में मेरे साथ शामिल होने के लिए निर्मला सीतारमण का भी आभारी हूं। यह पहल आम लोगों, एसएचजी और किसान उत्पादक संगठनों के लिए कर्ज को अधिक किफायती बनाएगी और उन्हें यह आसानी से उपलब्ध होगा।

नागालैंड सरकार ने बैंकर सम्मेलन का आयोजन किया, जो तीन दिन के कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) और निवेश सम्मेलन का हिस्सा है। अधिकारियों ने कहा कि आवास लोन और वाहन लोन जैसे रिटेल बैंकिंग सेगमेंट के तहत भी कर्ज दिया गया। सीतारमण ने उम्मीद जताई कि हर सरकारी योजना वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचेगी। नागालैंड की 70 प्रतिशत आबादी कृषि कार्यों में लगी हुई है, लेकिन किसान क्रेडिट कार्ड के लाभार्थियों की संख्या केवल 2.3 लाख है। बैंकों को राज्य के प्रत्येक कोने में रहने वाले लोगों तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।

उन्होंने कहा कि बैंकों को और अधिक बैंकिंग मित्रों (बैंक कॉरस्पॉन्डेंट) की नियुक्ति करनी चाहिए, ताकि योजनाओं का लाभ सभी पात्र लाभार्थियों तक जल्द पहुंच सके। हालही में नागालैंड के विधान सभा के सदस्य मोआतोशी लोंगकुमेर ने कहा कि नागालैंड में क्रेडिट अनुशासन की कमी है। इसलिए नागालैंड में कई बैंक लोन देने में संकोच करते हैं। अगर नागा क्रेडिट अनुशासन का पालन करते हैं, तो वे देश के बाकी हिस्सों के साथ तालमेल बिठा सकते हैं। लोंगकुमेर ने कहा कि ऐसे कई नागा हैं जो पैसे बचाने की कला नहीं जानते हैं और जितना कमाते हैं उससे अधिक खर्च करते हैं।

हमें यह समझना होगा कि हमें अपनी जीवन शैली को बदलने की जरूरत है और इसलिए हमें अपने बचत चरित्र में सुधार करने की जरूरत है। उन्होंने आग्रह किया। उन्होंने विक्रेताओं और व्यापारियों से स्वानिधि योजना का लाभ उठाने और उचित दिशानिर्देशों का पालन करने का भी आग्रह किया ताकि वे इसका लाभ उठा सकें।

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