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पीएमएफएमई सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए योजना के तहत स्वीकृत हुए ऋण

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Dec 11 2023 - 3 min read
पीएमएफएमई सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए योजना के तहत स्वीकृत हुए ऋण
पीएम सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (पीएमएफएमई) के तहत हाल ही में व्यक्तिगत लाभार्थियों के ऋणों को स्वीकृति दी गई। यह आवेदन अलग-अलग श्रेणियों के आवेदकों के थे।

उद्देश्य 2 लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की स्थापना का समर्थन करना है

योजना के तहत एक जिला एक उत्पाद पर होता है प्रमुखता से कार्य

सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को स्थापित करने या अपग्रेड करने के लिए क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी प्रदान करने वाले पीएम सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (पीएमएफएमई) ने हाल ही में 62,282 ऋण स्वीकृत किए। यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने दी। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत लाभार्थियों के 61,796 ऋण स्वीकृत किए गए हैं। इसके तहत 34 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के 433 व उत्पादक सहकारी समितियों के 19 ऋणों को स्वीकृति दी गई। उन्होंने बताया कि इस योजना का लक्ष्य 2020-21 से 2024-25 तक पांच साल की अवधि के दौरान 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी के माध्यम से 2 लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की स्थापना का समर्थन करना है। इसी के तहत 10 दिसंबर तक, योजना के तहत प्राप्त 2 लाख से अधिक आवेदनों में से 63,791 ऋण स्वीकृत किए गए थे। योजना के पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, स्वीकृत ऋणों में से 46,386 ऋण वितरित किए गए।

प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि इस योजना के तहत महाराष्ट्र में 10,806 ऋण, बिहार में 9,057 ऋण, तमिलनाडु में 8,742 ऋण, उत्तर प्रदेश में 6,032 ऋण और तेलंगाना में 5,136 ऋण स्वीकृत किए गए। न्यूनतम प्रतिबंधों वाले राज्य या केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ (5), दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (5), मिजोरम (15), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (16) की स्वीकृति दी गई। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पीएमएफएमई योजना मुख्य रूप से इनपुट की खरीद, सामान्य सेवाओं का लाभ उठाने और उत्पादों के विपणन के मामले में पैमाने का लाभ उठाने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) दृष्टिकोण को अपनाती है। यह मूल्य श्रृंखला विकास और समर्थन बुनियादी ढांचे के संरेखण के लिए रूपरेखा प्रदान करता है।

योजना के ब्रांडिंग और विपणन घटक के तहत, किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों या ओडीओपी-आधारित सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के बाजार अध्ययन और उत्पाद मानकीकरण, पैकेजिंग सामग्री, गुणवत्ता नियंत्रण और उपभोक्ता खुदरा बिक्री, भंडारण के लिए खाद्य सुरक्षा पालन के लिए समर्थन दिया जाता है।

क्या होता है ओडीओपी

वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट (ओडीओपी) यानी कि एक जिला एक उत्पाद इस योजना की शुरुआत 24 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। इसका उद्देश्य जिले के छोटे, मध्यम और परंपरागत उद्योगों का विकास करना है। इसके तहत देश के प्रत्येक जिले से एक उत्पाद को बढ़ावा देने और उसकी ब्रांडिंग करके जिला स्तर पर उसके आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में मदद की जाती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस कार्यक्रम को प्रदेश के सभी 75 जिलों में लागू किया है। प्रत्येक जिले का अपना अलग उत्पाद है जो एक जिला एक उत्पाद के नाम से स्थापित है। मसलन अयोध्या गुड़ तो अलीगढ़ का ताला यानी कि धातु शिल्प और अमेठी का एक जिला एक उत्पाद मूंज को बनाया गया है।

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