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भारत में रसायन के लिए ज्यादा ध्यान देने की जरूरत: निर्मला सीतारमण

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jul 28 2023 - 2 min read
भारत में रसायन के लिए ज्यादा ध्यान देने की जरूरत: निर्मला सीतारमण
रसायन और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र का बाजार आकार लगभग 190 बिलियन अमेरिकी डॉलर है और निवेश के लिए बड़े अवसरों के साथ 2025 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2040 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में विशेष रसायनों के लिए और ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। विशेष रसायनों के बाजार की ओर ध्यान दिलाते हुए सीतारमण ने कहा सीएजीआर 12 प्रतिशत की दर से तेजी से बढ़ रहा है और इन पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। यह बाजार देश की मजबूत इंजीनियरिंग क्षमताओं, कम लागत वाली मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं और प्रचुर जनशक्ति से प्रेरित है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रसायन और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं और इसका असर अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ता है। इस क्षेत्र के महत्व का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि यह 80,000 से अधिक रासायनिक उत्पादों से संबंधित है, जिसमें कृषि, बुनियादी ढांचा, कपड़ा, फार्मा, पैकेजिंग जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

सीतारमण ने 27 जुलाई को "भारत में वैश्विक रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विनिर्माण केंद्र" (जीसीपीएमएच 2023) पर शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया था।

रसायन और उर्वरक मंत्रालय का रसायन और पेट्रोकेमिकल विभाग फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया है।उन्होंने यह भी कहा कि भारत 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्र बनने और 2070 तक शुद्ध शून्य हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने हरित विकास और कार्बन तीव्रता में कमी पर ध्यान देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

वर्ष 2022-23 में प्रमुख रसायनों और पेट्रोकेमिकल्स का संयुक्त निर्यात 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था लेकिन आयात भी बढ़कर 13.33 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। इनमें से कई आयात में वे वस्तुएं शामिल हैं जिनका उत्पादन भारत में ही किया जा सकता है और सरकार इस दिशा में भी सभी प्रयास कर रही है। इस बीच रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने कहा कि सरकार देश में रासायनिक पार्क स्थापित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ काम कर रही है और प्लास्टिक पार्क स्थापित करने की प्रक्रिया पहले से ही मौजूद है।

खूबा ने आगे कहा कि सरकार कौशल विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ उद्योग और शिक्षा जगत को एक साथ लाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी बना रही है। रसायन और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र का बाजार आकार लगभग 190 बिलियन अमेरिकी डॉलर है और निवेश के लिए बड़े अवसरों के साथ 2025 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2040 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

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