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श्रीलंका सरकार ने अडानी ग्रुप को दो एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दी

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Aug 18 2022 - 2 min read
श्रीलंका सरकार ने अडानी ग्रुप को दो एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दी
श्रीलंका के ऊर्जा और बिजली मंत्री कंचना विजेसेकारा ने कहा अडानी ग्रीन एनर्जी को मन्नार में 286 मेगावाट और पूनरिन में 234 मेगावाट की दो विंड प्रोजेक्ट के लिए अनंतिम मंजूरी दी गई है।

गौतम अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी को श्रीलंका में बड़ी सफलता मिली है। दरअसल, श्रीलंका की सरकार ने 500 मिलियन डॉलर (4000 करोड़ रुपये) से अधिक के निवेश वाली दो विंड प्रोजेक्ट के लिए शुरुआती मंजूरी दे दी है। श्रीलंका के ऊर्जा और बिजली मंत्री कंचना विजेसेकारा ने यह जानकारी दी।

विजेसेकारा ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट की प्रगति पर चर्चा करने के लिए राज्य के स्वामित्व वाले सीलोन बिजली बोर्ड (सीईबी) और सस्टेनेबल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह दो प्रोजेक्ट मन्नार और पूनरिन में शुरू होंगी।

विजेसेकारा ने कहा अडानी ग्रीन एनर्जी को मन्नार में 286 मेगावाट और पूनरिन में 234 मेगावाट की दो विंड प्रोजेक्ट के लिए अनंतिम मंजूरी दी गई है। संकटग्रस्त श्रीलंका के एनर्जी क्षेत्र में अहमदाबाद स्थित भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी के दो निवेशों की यह पहली आधिकारिक पुष्टि है।

मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा सीईबी अधिनियम संशोधनों के कारण विलंबित 46 प्रोजेक्ट में से 21 अगले सप्ताह पीपी समझौतों में प्रवेश करेंगी। ईओआई से 26 रिन्यूएबल प्रस्ताव जिन्हें अनंतिम मंजूरी दी गई थी। ग्रिड कलीरेंस और ट्रांसमिशन योजनाओं और अन्य प्रस्तावों के साथ 30 दिनों में मूल्यांकन किया जाना है।

सीईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले साल कहा था की पिछले साल सितंबर में रणनीतिक कोलंबो पोर्ट के पश्चिमी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने और चलाने के लिए श्रीलंका के साथ एक समझौते पर मुहर लगाने वाला अडानी ग्रुप भी द्वीप राष्ट्र की एनर्जी और विंड क्षेत्र में निवेश की संभावना तलाश रहे है।

कोलंबो पोर्ट के वेस्टर्न कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने के अलावा, अडानी ग्रुप अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनरशिप का पता लगाएगा। अडानी ने ट्वीट करके कहा श्रीलंका के साथ भारत के मजबूत संबंध सदियों पुराने ऐतिहासिक संबंधों से जुड़े हैं।

स्थानीय बंदरगाह ट्रेड यूनियनों के बढ़ते विरोध के कारण पूर्वी कंटेनर टर्मिनल (ईसीटी) पर नियंत्रण पाने के लिए अडानी ग्रुप की बोली विफल रही।श्रीलंकाई सरकार ने भारत और जापान के साथ ईटीसी पर डब्ल्यूसीटी की पेशकश करके त्रिपक्षीय समझौता रद्द कर दिया।

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