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सर्विस सेक्टर में होती हैं ये परेशानियां

Smita Nag
Smita Nag Dec 07 2018 - 2 min read
सर्विस सेक्टर में होती हैं ये परेशानियां
इस उद्योग में कई समस्याएं हैं।

प्रगति मैदान में फ्रैंचाइजी इंडिया द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन 2018 में Entrepreneur Media के फीचर एडिटर सेशन मॉडरेटर संदीप सोनी ने सत्र शुरू किया। यहां उन्होंने बताया, 'भारत में सेवा क्षेत्र देश का 60% सकल घरेलू उत्पाद और 20% रोजगार प्रदान करता है।' हालांकि, यह सबसे परेशान क्षेत्रों में से एक भी है।

क्षेत्रों में चुनौतियां

इंडस्ट्री में कई समस्याएं हैं। रिविगो के मुख्य राजस्व अधिकारी ध्रुव भगत बताते हैं कि सबसे मेन समस्या ट्रक चालक होने की है। 1991 के बाद यह अनुमान लगाए गए कि कुछ वर्षों में ये संख्या 480 के आसपास आ गई है। रिविगो 'रिले मॉडल' प्रोवाइड करना चाहता था जिससे ट्रक चालक 24 घंटों में घर लौट सकें।

देश में 90 लाख ट्रक चल रहे हैं, प्रतिस्पर्धा समस्या नहीं है। समस्या यह है कि इंडस्ट्री में टेक्नॉलजी कैसे लाई जाए और तकनीकी लागत को कैसे कम किया जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हाल के ड्राइवरों को कैसे बनाए रखें और उनके लिए अधिक नौकरियां उपलब्ध कैसे कराए, रिविगो, टेकनॉलजी की मदद से इस समस्या को कम करके 8-9% तक लाने की कोशिश कर रहा हैं।

इस क्षेत्र में नए विचार

भारत में जहां लोग अपना ज्यादा समय कार्यस्थलों या ऑफिसों में बिताते हैं। इनोव8 बिना जगह का ख्याल किए इसे बदलना चाहता था। इनोव8 के संस्थापक डॉ. रितेश मलिक कहते हैं, 'साथ कार्य करना गुणकारी नहीं हो सकता, वहां जाना और बातचीत करना एक अलग अनुभव है।'

इंडस्ट्री में प्रवेश करने का एक नया विचार था जब अरुणभ सिन्हा ने भारत में लॉन्ड्रोमैट बाजार को लक्षित करने के बारे में सोचा था। हालांकि पश्चिम में यह एक पुराना आईडिया था पर भारत के कामकाजी पेशेवरों के लिए यह एक नया विचार था। चुनौतियों का सामना करते हुए, यूकलीन के संस्थापक अरुणभ सिन्हा ,कहते हैं, 'इंडस्ट्री को देखते हुए, यह बेहद अनोखा है। जब हमने गैर-धोबी समुदाय से लोगों को जोड़ने की कोशिश की तो यह एक बड़ी चुनौती थी जबकि धोबी समुदाय के वंशज शामिल होने के लिए अनिच्छुक थे।'

एक उज्ज्वल भविष्य को देख रहे हैं

इंडस्ट्री में उदासी और निराशा की कोई जगह नहीं होती। रियल एस्टेट उद्योग को देखते हुए, एक बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। जहां लोगों को पहले दलाल कहा जाता था वहां आज टॉप बी-स्कूल प्रवेशकर्ताओं को भी इसके समर्थन में देखा गया है।
इस विषय पर आरई/मैक्स इंडिया के क्षेत्रीय निर्देशक साहिल कपूर ने कहा, 'इसे कभी भी इतना सम्मान नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था। आज सरकार ने रडार बनाया है जहां ब्रोकर को अधिक जिम्मेदार और रजिस्टर्ड होना है। हमें कड़े कानून का भी पालन करना चाहिए।'

उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र को व्यवस्थित करने में टेक्नॉलजी की क्या भूमिका है। 'एक अव्यवस्थित क्षेत्र से व्यवस्थित, रियल एस्टेट को व्यवस्थित क्षेत्र में लाया गया है। यह तय करने का एकमात्र तरीका टेक्नॉलजी है कि कहां खरीदना है और क्या खरीदना है। यह एक ऐसा उद्योग था जिसमें टेक्नॉलजी के मामले में कमी आई थी, लेकिन अब यह बहुत बदल गया हैं।'

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