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एनईपी से भारत में शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण का मार्ग खुला: प्रधान

Toshi Shah
Toshi Shah Sep 02 2022 - 3 min read
एनईपी से भारत में शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण का मार्ग खुला: प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए उन सभी प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से बात की, जिन पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार भारत में शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दे रही है।

केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी को देश में शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण का मार्ग प्रशस्त करने वाला बताया है। इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देशों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए भारत के शिक्षा व कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत हर जगह शिक्षा और कौशल विकास प्रशिक्षण का परिवेश विकसित करने की दिशा में अधिक मजबूती से प्रयास कर रहा हैं। उन्होंने चुनौतियों से निपटने हेतु शिक्षा के उपयोग और मिलकर काम करने की जरूरत पर बल देते हुए सभी देशों को इस दिशा में साथ कदम बढ़ाने का आग्रह किया।

प्रधान ने ट्रोइका के सह-अध्यक्ष के रूप में जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक में आरंभिक भाषण दिया और ‘रिकवरी, पुनर्कल्पना एवं मजबूत पुनर्निर्माण’ विषय पर विभिन्न ठोस उपायों को सामने रखा। उन्होंने एक ऐसी नई दुनिया बनाने के लिए आपसी अनुभवों को साझा करने और मिलकर काम करने के विशेष महत्व के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि पहुंच, समानता, गुणवत्ता, किफायती और जवाबदेही के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देने और जी-20 के साझा विजन को साकार करने के लिए भारत का मार्गदर्शन है।
प्रधान ने कहा कि एनईपी, 2020 ने भारत में शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है और भारत अहमदाबाद स्थित गिफ्ट सिटी में अपने कैम्‍पस की स्थापना के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों का स्वागत कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हम विदेशी विश्वविद्यालयों को पूरे भारत में अपना कैंपस स्थापित करने की अनुमति देने के लिए नीतिगत उपाय करने की प्रक्रिया में हैं। प्रधान ने एक ऐसी शिक्षा प्रणाली स्थापित करने के लिए जी-20 के सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया जिसके तहत शिक्षण परिणाम दरअसल 21वीं सदी के कौशल के अनुरूप होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा को वैश्विक विकास में तेजी लाने में मददगार बनाने के लिए हमारे ‘जी-20  ईडीडब्ल्यूजी’ की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

वर्चुअल स्कूल भी चल रहे

शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने वर्चुअल स्कूलों का चलना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही भारत शिक्षा के दायरे का विस्तार करने और शिक्षा को यथोचित एवं सुलभ बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डिजिटल विश्वविद्यालय पर भी काम कर रहा है। वहीं, कई भारतीय भाषाओं में शिक्षा के लिए 260 से भी अधिक विशेष टीवी चौनलों की स्थापना करने की प्रक्रिया चल रही है। प्रधान ने और भी अधिक मजबूती से और हर जगह शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण परिवेश बनाने की दिशा में भारत की तीव्र प्रगति और एनईपी 2020 को अमल के माध्यम से प्रत्येक शिक्षार्थी की रचनात्मक क्षमता को साकार करने पर प्रकाश डाला।
प्रधान ने कहा कि भारत बचपन की देखभाल एवं शिक्षा को औपचारिक रूप देने, दिव्यांग बच्चों की आवश्यक सहायता करने, डिजिटल एवं मल्टी-मोडल शिक्षण को बढ़ावा देने, पाठ्यक्रमों में प्रवेश करने व उनसे निकलने की लचीली व्यवस्था, और शिक्षा को कौशल के साथ एकीकृत करने पर विशेष जोर दे रहा है। ये सब शिक्षण परिणामों को बेहतर करने की कुंजी हैं। प्रधान के अनुसार जी-20 शिक्षा समूह ने एक एजेंडा तय किया है जो वैश्विक संस्थागत फ्रेमवर्क में उत्पन्न हुई चुनौतियों का समाधान करने के साथ-साथ अभूतपूर्व बदलाव सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि भारत शिक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए जी-20  के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि आपस में मिलकर बड़ी मजबूती के साथ पुनर्निर्माण और रिकवरी सुनिश्चित की जा सके।

 

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