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भारत में यूएई करेगा दो अरब डॉलर का निवेश

Toshi Shah
Toshi Shah Jul 18 2022 - 2 min read
भारत में यूएई करेगा दो अरब डॉलर का निवेश
भारत, अमेरिका,इजराइल और यूएई के शासनाध्यक्ष इस नवगठित समूह के पहले शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इसके तहत यूएई ने भारत में दो अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की।

चार देशों के समूह ‘आई2यू2’ ने 14 जुलाई को अपने पहले शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। इसके तहत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत में कई जगहों पर ‘एकीकृत फूड पार्क’ की स्थापना के लिए दो अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की। इसके साथ ही यूएई  ने गुजरात में 300 मेगावॉट क्षमता वाली हाइब्रिड नवीकरणीय परियोजना स्थापित करने का भी फैसला किया।

भारत, इजरायल, अमेरिका और यूएई के शासनाध्यक्षों ने इस नवगठित समूह के पहले शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, इजरायल के प्रधानमंत्री याएर लापिड और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जाएद अल नहयान ने ऑनलाइन बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की।

चारों देशों ने इस नए समूह को ‘आई2यू2’ नाम दिया गया है जिसमें ‘आई से  भारत और इजरायल को संबोधित हो रहा है तो वहीं ‘यू से अमेरिका और यूएई के लिए प्रयोग किया गया है।

चारों शीर्ष नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यूएई भारतभर में एकीकृत फूड पार्क के विकास पर दो अरब डॉलर का निवेश करेगा। इन फूड पार्क में खाद्य अपशिष्ट घटाने के लिए अत्याधुनिक जलवायु-सक्षम प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल के अलावा ताजा पानी के संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों पर जोर दिया जाएगा।

अमेरिकी के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि भारत में फूर्ड पार्क की स्थापना में यूएई की मदद अमेरिका और इजराइल के निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ करेगें। बाइडन ने यह उम्मीद भी जताई कि इन फूड पार्कं की स्थापना के बाद भारत के अपना खाद्य उत्पादन सिर्फ पांच साल में ही तीन गुना कर लेगा।

इसके अलावा गुजरात में 300 मेगावॉट क्षमता वाली हाइब्रिड परियोजना स्थापित करने का भी जिक्र किया गया, इस परियोजना में पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा के मिश्रित उत्पादन के साथ बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली भी लगाई जाएगी। इस परियोजना के व्यवहार्यता अध्ययन के लिए अमेरिकी व्यापार और विकास एजेंसी ने 33 करोड़ डॉलर का कोष मुहैया कराया था।

आई2यू2 समूह का मुख्य मुद्दा खाद्य सुरक्षा संकट और स्वच्छ ऊर्जा था। इस पर नेताओं ने बैठक की। उन्होंने दीर्घकालिक एवं अधिक विविधतापूर्ण खाद्य उत्पादन एवं खाद्य आपूर्ति प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए नवोन्मेषी उपायों पर चर्चा किया।

चारों देशों के समूह ने कहा कि भारत परियोजना के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराएगा और फूड पार्क से किसानों को जोड़ने का भी काम करेगा। वहीं अमेरिका और इजरायल से निजी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा और उनकी विशेषज्ञता की मदद से कार्य को किया जाएगा। वे परियोजना की कुल वहनीयता में योगदान देते हुए नवोन्मेषी समाधानों की पेशकश भी करेंगे।

इसमें यह भी कहा गया कि निवेश से फसल उपज अधिक से अधिक होगी और इससे दक्षिण एवं पश्चिम एशिया में खाद्य असुरक्षा से निपटा जा सकेगा।

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